भारत एक विशेष और गर्व की बात के लिए तैयार हो जाएं। यूनाइटेड नेशंस (UN) के अनुसार, भारत पहला ऐसा देश बन गया है जिसने वैश्विक रूप से $100 बिलियन से अधिक के रिमिटेंस प्राप्त किए हैं। 2022 में भारत को इस महत्वपूर्ण मील का पार्थक्य मिला।
रिमिटेंस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विदेशी नागरिक या भारतीय विदेश में काम करने वाले लोग अपने देश में परिवार और संबंधियों को धन भेजते हैं। यह एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है और जिससे गरीबी को कम किया जा सकता है।
यह साबित करता है कि भारतीय विदेशी में काम करने वाले लोग अपने परिवारों का पलन-पोषण करने के लिए कितने समर्थनीय हैं। इसके साथ ही, यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक प्रमुख योगदानकर्ता है।
रिमिटेंस के माध्यम से भेजे गए धन का उपयोग प्राथमिक रूप से खर्च में किया जाता है, जैसे कि खाद्य, वस्त्र और शिक्षा के लिए। इससे सामाजिक और आर्थिक रूप से भी देश को लाभ होता है।
इस सफलता के लिए भारत सरकार के और भी प्रयासों की आवश्यकता है, जिससे कि रिमिटेंस का सही तरीके से उपयोग हो सके और देश को और भी बेहतर भविष्य मिल सके।
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