1984 में जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं, तब वह पुरी के जगन्नाथ मंदिर गईं। मंदिर के नियमों के अनुसार वहां किसी भी गैर हिंदू का प्रवेश वर्जित है। इसलिए, प्रधानमंत्री पद पर होते हुए भी इंदिरा गांधी को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इंदिरा गांधी ने इसका बुरा नहीं माना और स्वीकार किया कि एक गैर हिंदू से विवाह करने के कारण अब वह हिंदू नहीं रही। यह उनकी विनम्रता और धर्म के प्रति सम्मान का प्रतीक था।
### राजीव गांधी और सोनिया गांधी की नेपाल यात्रा
राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे, तब वह अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ नेपाल यात्रा पर गए। काठमांडू के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में सोनिया गांधी को प्रवेश करने नहीं दिया गया, क्योंकि वह गैर हिंदू थीं।
इस घटना के बाद भारत वापस आकर, राजीव गांधी ने नेपाल की आर्थिक नाकेबंदी कर दी। इस नाकेबंदी के परिणामस्वरूप नेपाल में दूध और पेट्रोल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई और देश भुखमरी के कगार पर पहुंच गया। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने नेपाल और भारत के बीच संबंधों में तनाव पैदा कर दिया और नेपाल ने चीन से नज़दीकियां बढ़ाना शुरू कर दीं।
### राहुल गांधी की पहचान
वर्तमान में, राहुल गांधी का दावा है कि वह कौल ब्राह्मण हैं और उनका गोत्र दत्तात्रेय है। यह एक ऐसा बयान है जिसने कई लोगों को चौंका दिया है और उनपर व्यंग्य किया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या वह जनता को पप्पू समझ रहे हैं। इस दावे ने राहुल गांधी की धार्मिक और सामाजिक पहचान को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है।
### निष्कर्ष
यह घटनाएं भारत के राजनीतिक और धार्मिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इंदिरा गांधी का जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश न मिलना और राजीव गांधी की नेपाल यात्रा के दौरान की घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि धर्म और राजनीति का आपस में गहरा संबंध है। इन घटनाओं से हमें यह भी सीखने को मिलता है कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है, चाहे वह कितने ही बड़े राजनीतिक पद पर क्यों न हों।
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