मृत्युंजय रुद्राय नीलकंठाय शम्भवे
अमृतेशाय सर्वाय महादेवाय ते नमः।
इस मंत्र में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। इसका अर्थ है:
1. मृत्युंजय रुद्राय: जो मृत्यु को जीतने वाले हैं और रुद्र स्वरूप में हैं।
2. नीलकंठाय: जिनका कंठ समुद्र मंथन से निकले विष को पीने के कारण नीला है।
3. शम्भवे: जो कल्याणकारी हैं और सृष्टि को सुख-शांति प्रदान करते हैं।
4. अमृतेशाय: जो अमरत्व के स्वामी हैं, अमृत के दाता हैं।
5. सर्वाय: जो समस्त ब्रह्मांड में व्यापक हैं।
6. महादेवाय: जो देवों के भी देव हैं, सर्वोच्च हैं।
7. ते नमः: आपको नमन है।
यह मंत्र भगवान शिव की विभिन्न शक्तियों, गुणों और रूपों का आदर करते हुए उन्हें प्रणाम करता है। इसका जप शांति, शक्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
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